स्टॉकहोम, 9 अक्टूबर 2025:
हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्ज़लो क्रास्नाहोरकाई (László Krasznahorkai) को साहित्य के नोबेल पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है।
उन्हें यह पुरस्कार “उनके प्रभावशाली और दूरदर्शी लेखन के लिए दिया गया है, जो प्रलय जैसी परिस्थितियों के बीच भी कला की शक्ति की पुनः पुष्टि करता है।”
क्रास्नाहोरकाई को आधुनिक यूरोपीय साहित्य के महान महाकाव्य लेखक के रूप में जाना जाता है। उनकी रचनाएँ लंबी, प्रवाहपूर्ण और गहन होती हैं — जो मानवीय निराशा, विघटन और अस्तित्व की सुंदरता को एक साथ प्रस्तुत करती हैं।
उनकी लेखनी में फ्रांज़ काफ्का और थॉमस बर्नहार्ड जैसी मध्य यूरोपीय परंपरा की गूंज सुनाई देती है, जो अबसर्डिटी (absurdism) और जीवन की विडंबनाओं को उजागर करती है।
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं:
सैटनटैंगो (Satantango, 1985) – एक ढहते हुए हंगेरियन गाँव की कहानी, जिस पर 7 घंटे लंबी फिल्म भी बनी।
द मेलन्कॉली ऑफ रेसिस्टेंस (The Melancholy of Resistance, 1989) – सत्ता और पागलपन की अतियथार्थवादी कथा।
वार एंड वार (War and War, 1999) – भाषा, समय और मानव नियति पर दार्शनिक चिंतन।
सैयोबो देयर बिलो (Seiobo There Below, 2008) – कला और सौंदर्य की शाश्वतता पर आधारित अद्भुत कृति।
स्वीडिश एकेडमी ने उन्हें इस बात के लिए सराहा कि उनके लेखन में “प्रलय के भय के मध्य भी कला और मानवता की ज्योति जीवित रहती है।”
इस पुरस्कार के साथ लास्ज़लो क्रास्नाहोरकाई अब उन महान लेखकों की पंक्ति में शामिल हो गए हैं जिन्होंने साहित्य की सीमाओं को नए आयाम दिए हैं।