1. परिचय
Sahitya Akademi Award (साहित्य अकादमी पुरस्कार), भारत की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी, यानी Sahitya Akademi द्वारा हर साल प्रदान किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान है। इसे 1954 में स्थापित किया गया, और पहला पुरस्कार 1955 में दिया गया ।
इस पुरस्कार का उद्देश्य भारत की विविध भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य को पहचानना और उसे बढ़ावा देना है। यह 22 अनुसूचित भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी और राजस्थानी में लिखी कृतियों को भी कवर करता, यानी कुल 24 भाषाएँ ।
पुरस्कार स्वरूप में शामिल हैं:
₹1,00,000 की नकद राशि
एक विशेष ताम्रफलक (engraved copper plaque)
एक शॉल ।
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2. चयन प्रक्रिया और पात्रता
समय सीमा: पुरस्कार ऐसे विशेष कृतियों को मिलता है जो पिछली पाँच वर्षों में प्रकाशित हुई हों (उदाहरण: 2024 के लिए — 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 तक) ।
चयन के लिए तीन सदस्यीय भाषा-विशिष्ट जूरी द्वारा सिफारिश की जाती है। इन सिफारिशों को Executive Board द्वारा मंजूरी दी जाती है, जिसकी अध्यक्षता Sahitya Akademi के अध्यक्ष द्वारा की जाती है ।
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3. 2024 के Sahitya Akademi Award विजेता (सूची और विवरण)
21 भाषाओं में पुरस्कार घोषित हो चुके हैं; बंगाली, डोगरी और उर्दू के पुरस्कार बाद में घोषित किए जाएंगे, जिससे कुल विजेताओं की संख्या 24 हो जाएगी ।
नीचे भाषा-वार विजेताओं की विस्तृत सूची दी गई है:
कविता (Poetry):
Assamese: Pharingbore Bator Kathaa Jane — Sameer Tanti
Gujarati: Bhagwan-ni Vato — Dileep Jhaveri
Hindi: Main Jab Tak Aai Bahar — Gagan Gill
Malayalam: Pingalakeshini — K. Jayakumar
Manipuri: Mainu Bora Nungshi Sheiroi — Haobam Satyabati Devi
Punjabi: Sun Gunvanta Sun Budhivanta: Itihaasnamaa Punjab — Paul Kaur
Rajasthani: Gaon Ar Amma — Mukut Maniraj
Sanskrit: Bhaskaracaritam — Dipak Kumar Sharma
उपन्यास (Novel):
Bodo: Swrni Thakhwi — Aron Raja
English: Spirit Nights — Easterine Kire
Kashmiri: Psychiatric Ward — Sohan Koul
लघुकथा (Short Stories):
Nepali: Chichimira — Yuva Baral
Sindhi: Purzo — Hundraj Balwani
निबंध (Essays):
Konkani: Rangtarang — Mukesh Thali
Maithili: Prabandh Sangrah — Mahendra Malangia
Odia: Bhuti Bhakti Bibhruti — Baishnab Charan Samal
साहित्यिक आलोचना (Literary Criticism):
Kannada: Nudigala Alivu — K.V. Narayana
Marathi: Vindanche Gadyarop — Sudhir Rasal
Telugu: Deepika — Penugonda Lakshminarayana
नाटक (Play):
Santali: Seched Sawnta Ren Andha Manm — Maheswar Soren
शोध (Research):
Tamil: Tirunelveli Ezucciyum Vaa. Vuu.ci. Yum 1908 — A.R. Venkatachalapathy
पुरस्कार समारोह 8 मार्च 2025 को नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा ।
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4. Sahitya Akademi Award का ऐतिहासिक और साहित्यिक महत्व
यह ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान माना जाता है ।
यह पुरस्कार साहित्य की विविधता को संरक्षित करने और भारतीय भाषाओं में रचनात्मकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पुरस्कार की ट्रॉफी (ताम्रफलक) को सत्यजीत रे ने डिज़ाइन किया था—पहले यह संगमरमर की होती थी, लेकिन भारी होने के कारण बदल दी गई थी ।
बृहद दृष्टिकोण में, यह पुरस्कार साहित्यिक मान्यता के साथ-साथ सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी है।
6. निष्कर्ष
यह Sahitya Akademi Award केवल एक पुरस्कार नहीं है, बल्कि भारतीय साहित्य की शिखर यात्रा का प्रतीक है—भाषा, सोच और रचनात्मकता की बहुलता का जश्न। 2024 के विजेताओं की लिस्ट से हमें यह भी सीखने को मिलता है कि साहित्य में किस प्रकार की विविधता और गुणवत्ता अब उभर रही है—चाहे वह कविता हो, उपन्यास, आलोचना, या शोध।