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SCO Summit 2025 तियानजिन: Key Outcomes और India के लिए Major Gains

SCO SUMMIT 2025



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2025 की एससीओ बैठक: एक व्यापक समीक्षा


31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 25वीं शिखर बैठक हुई। यह बैठक अब तक की सबसे बड़ी SCO बैठक थी, जिसमें दस सदस्य देशों के प्रमुख, साथ ही पर्यवेक्षक और संवाददाता देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। "शंघाई आत्मा का समर्थन: एससीओ गतिशीलता पर है" थीम के तहत इस सम्मेलन ने क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और बहुपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने के लिए कई अहम कदम उठाए।  

बैठक के महत्वपूर्ण परिणाम


इस बैठक में SCO देशों ने 2035 तक के लिए विकास रणनीति अपनाई, जिसमें क्षेत्रीय शांति, स्थिरता व समृद्धि को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद, और संगठित अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सहयोग को और मजबूत बनाने हेतु प्रतिबद्धता जाहिर की गई। 

सभी सदस्य देशों ने आर्थिक सहयोग को बल देते हुए व्यापार, ऊर्जा, परिवहन अवसंरचना, और डिजिटल क्षेत्र में अनुपूरक सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाए। जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर भी जोर दिया गया। संगठन ने विश्व मंच पर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में बहुपक्षीय व्यवस्था को मजबूत करने का संकल्प लिया। इसके अलावा, युवाओं, महिलाओं और आपातकालीन सहायता के क्षेत्रों में सहयोगात्मक परियोजनाओं की घोषणा की गई।

भारत के लिए प्रमुख उपलब्धियां


भारत की भूमिका इस बैठक में विशेष महत्व रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का विरोध करते हुए इसे मानवता के लिए चुनौती बताया और 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए इस पर जोर दिया कि आतंकी गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा। 

सुरक्षा सहयोग का सुदृढ़ीकरण
भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता दोहराई और इस क्षेत्र में SCO के प्रतिनिधित्व को सशक्त किया। 
आर्थिक अवसरों का विस्तार:
 बैठक में भारत ने व्यापार और निवेश के नए रास्ते तलाशे जिससे एशियाई क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग बढ़ सके। 
रणनीतिक कूटनीति: 
 चीन और रूस सहित कई देशों के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं कीं, जिनसे जटिल क्षेत्रीय मसलों पर संवाद संभव हो सका।
सतत विकास और नवाचार: 
भारत ने अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय पहलों को साझा करते हुए सहयोग विस्तार के पक्ष में आवाज उठाई।
-सांस्कृतिक संपर्क: 
SCO के माध्यम से भारत ने सांस्कृतिक व जन संपर्क को बढ़ावा देने की पहल की, जिससे क्षेत्रीय सद्भावना को बल मिलेगा।

एससीओ का भारत के लिए रणनीतिक महत्व


एससीओ भारत को मध्य एशिया के साथ अपने कनेक्शन को मजबूत करने का अनूठा अवसर देता है। यह मंच आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई, ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं तथा बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए अनुकूल है। इसके अलावा, यह संगठन भारत को वैश्विक शक्ति समीकरणों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करता है।

निष्कर्ष


2025 की SCO बैठक ने क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक विकास और सुरक्षा सहयोग के लिए नए आयाम स्थापित किए। भारत के लिए यह मंच न केवल अपनी सुरक्षा चिंताओं को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने का अवसर था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने का भी एक जरिया। भारत ने इस सम्मेलन में अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित किया और क्षेत्र में व्यापक सहयोग को संभव बनाने के लिए पहल की।

एससीओ की यह बैठक दर्शाती है कि कैसे यह संगठन एक गतिशील, समावेशी और प्रभावी मंच के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए क्षेत्र के देशों के लिए विकास और स्थिरता सुनिश्चित करता है।

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यह सारांश 2025 के SCO सम्मेलन के महत्वपूर्ण पहलुओं एवं भारत के लिए लाभकारी परिणामों को हिंदी में समझाता है। यह भारत के लिए सुरक्षा, कूटनीति, और आर्थिक सहयोग में नई प्रगति के संकेत हैं।




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