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भारतीय एनजीओ 'एजुकेट गर्ल्स' को 2025 का रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड – शिक्षा और समावेशिता के लिए नई मिसाल

एजुकेट गर्ल्स’ (Educate Girls)



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2025 में ‘एजुकेट गर्ल्स’ (Educate Girls) ने इतिहास रचते हुए रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया है। यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है और पहली बार किसी भारतीय संगठन को यह सम्मान मिला है।

एजुकेट गर्ल्स का परिचय


'एजुकेट गर्ल्स' एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसकी स्थापना 2007 में समाजसेवी सफीना हुसैन ने की थी। इसका मुख्य फोकस भारत के ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना है। संगठन अब तक 2 मिलियन (20 लाख) से अधिक लड़कियों को स्कूलों में शामिल कर चुका है और 30,000 से भी अधिक गावों में इसका प्रभाव देखा गया है।

रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड क्या है?


रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड फिलीपींस के भूतपूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की याद में प्रतिवर्ष उत्कृष्ट नेतृत्व, सत्यनिष्ठा और जनसेवा के लिए दिया जाता है। इसे ‘एशिया का नोबेल पुरस्कार’ भी कहा जाता है। पुरस्कार विजेताओं को एक प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह और नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

एजुकेट गर्ल्स की उपलब्धियां और प्रयास


एजुकेट गर्ल्स ने कम्युनिटी वॉलंटियर्स की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल से वंचित बच्चियों की पहचान की, उन्हें दाखिला दिलवाया और उनकी पढ़ाई पूरी कराई।

संगठन ने ‘वन गर्ल ऐट अ टाइम’ के लक्ष्य के साथ हाशिए के समाज में शिक्षा का महत्व बढ़ाने के लिए घर-घर जागरूकता अभियान चलाए।

2015 में एजुकेट गर्ल्स ने दुनिया का पहला डेवेलपमेंट इम्पैक्ट बॉन्ड (DIB) लॉन्च किया, जिससे नतीजों के आधार पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।

नया 'प्रगति' प्रोग्राम, 15-29 साल की युवतियों के लिए ओपन स्कूलिंग का अवसर देकर हजारों को दोबारा शिक्षा से जोड़ रहा है।

क्यों मिला यह सम्मान?


रेमन मैग्सेसे फाउंडेशन के अनुसार, एजुकेट गर्ल्स ने शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और लैंगिक समानता के लिए अभूतपूर्व कार्य किए हैं। इसकी वजह से अनगिनत बच्चियां न केवल स्कूल पहुंचीं, बल्कि समाज में आगे बढ़ने के अवसर भी पाईं।

संगठन की प्रतिक्रिया


संस्थापक सफीना हुसैन ने संगठन की इस उपलब्धि को भारत की बेटियों की जीत बताया और कहा कि शिक्षा के माध्यम से हम गरीबी और भेदभाव की जंजीरों को तोड़ सकते हैं। सीईओ गायत्री नायर लोबो ने इसे ऐतिहासिक और गर्व का क्षण बताया।

निष्कर्ष


एजुकेट गर्ल्स की उपलब्धि प्रमाणित करती है कि सही दिशा, समर्पण और समुदाय की भागीदारी से समाज में बड़ा बदलाव संभव है। यह अवॉर्ड हर नागरिक को बच्चियों की शिक्षा के महत्व को समझने और समर्थन देने के लिए प्रेरित करता है।

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