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Showing posts from August, 2025

लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार: शुरुआत से अब तक के विजेताओं की पूरी सूची व विवरण

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प्रस्तावना भारतीय संगीत की सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर केवल एक गायिका नहीं, बल्कि एक युग थीं। उनके सम्मान और विरासत को जीवंत रखने के लिए मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान ने 2022 में लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना की। यह पुरस्कार हर वर्ष ऐसे व्यक्तित्व को दिया जाता है, जिन्होंने देश, समाज और संस्कृति में अमूल्य योगदान दिया हो। पुरस्कार का उद्देश्य लता जी की संगीत और समाज सेवा की भावना को आगे बढ़ाना। कला, संस्कृति, साहित्य, सामाजिक सेवा, राजनीति या उद्योग के क्षेत्र में असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना। भारत की विरासत, संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान को सशक्त बनाना। लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार: वर्षवार विजेता वर्ष विजेता क्षेत्र / योगदान 2022 नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री) राष्ट्र सेवा और नेतृत्व 2023 आशा भोसले (गायिका) भारतीय संगीत में असाधारण योगदान 2024 अमिताभ बच्चन (अभिनेता) ए. आर. रहमान (संगीतकार) हिंदी सिनेमा और विश्व संगीत में उत्कृष्ट योगदान 2025 कुमार मंगलम बिड़ला (उद्योगपति) श्रद्धा कपूर (अभिनेत्री)...

लता मंगेशकर पुरस्कार vs लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार – अंतर और विजेताओं की सूची

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लता मंगेशकर पुरस्कार vs लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार – अंतर और विजेताओं की सूची लता मंगेशकर पुरस्कार vs लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार भारत में दो प्रमुख पुरस्कार हैं, जो अथाह योगदान के लिए लता मंगेशकर के नाम से प्रतिष्ठित हैं, लेकिन दोनों के उद्देश्य, संस्थापक और विजेताओं में स्पष्ट अंतर है। नीचे विस्तार से देखें: 1. Lata Mangeshkar Award (मध्य प्रदेश सरकार) संस्थापक: मध्य प्रदेश सरकार उद्देश्य: संगीत, विशेषकर गायन या संगीत निर्देशन में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान समारोह: अक्सर 28 सितंबर को (लता जी की जयंती) समापन स्थान: इंदौर हाल के विजेता: 2024 – संगीत निर्देशक तिकड़ी Shankar-Ehsaan-Loy 0 2025 – प्लेबैक गायन के लिए Sonu Nigam 1 2. Lata Deenanath Mangeshkar Puraskar (मंगेशकर पारिवारिक ट्रस्ट) संस्थापक: Master Deenanath Mangeshkar Smruti Pratishthan (मंगेशकर परिवार) उद्देश्य: संगीत, कला, समाज सेवा, साहित्य, नाटक समेत विविध क्षेत्रों में असाधारण योगदान के लिए सम्मान समारोह: 24 अप्रैल (पंडित दीनानाथ मंगेशकर की पुण्यति...

Shibu Soren Biography: झारखंड के दिशोम गुरु की जीवन यात्रा

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Shibu Soren Biography: झारखंड के दिशोम गुरु की जीवन यात्रा जनआंदोलन से मुख्यमंत्री तक – झारखंड के निर्माता शिबू सोरेन की 80 वर्षों की संघर्षगाथा परिचय 4 अगस्त 2025 को झारखंड के लोकप्रिय नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे झारखंड के आदिवासी समाज के प्रतीक, तीन बार मुख्यमंत्री और देश के कोयला मंत्री रह चुके थे। यह जीवनी उनके संघर्ष, उपलब्धियों और योगदान को समर्पित है। प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि जन्म: 11 जनवरी 1944 जन्मस्थान: नेमरा गांव, रामगढ़ जिला (तत्कालीन बिहार, वर्तमान झारखंड) समुदाय: संथाल आदिवासी पिता: सोबरन मांझी (1957 में हत्या कर दी गई थी) पिता की हत्या के समय शिबू सोरेन मात्र 15 वर्ष के थे। इस घटना ने उनके भीतर विद्रोह की भावना को जन्म दिया और उन्होंने आदिवासियों के हक के लिए जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया। सामाजिक संघर्ष और झारखंड आंदोलन की नींव 1960 के दशक में "संताल नवयुवक संघ" की स्थापना 1973 में ए.के. रॉय और बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मो...